सर्कस समीक्षा (Cirkus Review in Hindi )
औसत रेटिंग: 1.8/5
अंक:20% सकारात्मक
समीक्षाएँ गिने गए:5
सकारात्मक: 1
तटस्थ:0
नकारात्मक:4
रेटिंग 1.5/5 समीक्षक: नेहा वर्मा साइट: आज तक
रोहित की यह फिल्म निराश करती है. एक लंबे समय पर एक साथ सिमटी बेहतरीन कास्ट भी कमजोर स्क्रिप्ट के आगे जादू बिखेर पाने में नाकामयाब रही है. बिना लॉजिक की बनी यह भव्य फिल्म हर पक्ष पर निराश करती है. खासकर अगर आप इसकी टाइटिल की वजह से फिल्म देखने जा रहे हैं, तो घनघोर ठगा हुआ महसूस करेंगे. हालांकि एक लंबा वीकेंड है और अवतार 2 देख ली है, तो इसे एक विकल्प के तौर पर मौका दिया जा सकता है.
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रेटिंग 2/5 समीक्षक: नरेंद्र सैनी साइट: एनडीटीवी
सर्कस कहानी, प्रेजेंटेशन, एक्टिंग और म्यूजिक सभी मोर्चों पर एवरेज फिल्म है. गानों में दीपिका पादुकोण का ‘करंट लगा’ ही सिर्फ ध्यान में रह जाता है. वैसे भी रोहित शेट्टी फिल्मों में लॉजिक से आगे जाकर काम करते हैं. जो दर्शकों को अच्छा भी लगता है. लेकिन यहां कमजोर कहानी के सहारे रोहित शेट्टी का मैजिक काम नहीं कर पाता है और फिल्म हंसाने-गुदगुदाने के मोर्चे पर गच्चा दे जाती है.
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रेटिंग 1.5/5 समीक्षक: अमित भाटिया साइट: एबीपी न्यूज़
रोहित शेट्टी मसाला एंटरटेनर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं.गोलमाल सीरीज के लिए जाने जाते हैं. गाड़ियां उड़ाने के लिए जाने जाते हैं.ऐसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं जो अच्छा टाइम पास तो करती हैं अच्छा एंटरटेनमेंट भी करती हैं.लेकिन सर्कस रोहित शेट्टी की सबसे कमजोर फिल्म है.इसमें ना मसाला है, ना एंटरटेनमेंट, ना ये फिल्म टाइम पास करती है और ना ही इसमें गाड़ियां उड़ती हैं और ये एक फर्जी गोलमाल साबित होता है
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रेटिंग 1/5 समीक्षक: पंकज शुक्ल साइट: अमर उजाला
नाट्य शास्त्र के नौ रसों में हास्य रस सबसे कठिन रस माना जाता है। इसके अवयवों के आधार पर देखें तो भले इसका स्थायी भाव हास ही हो पर आलंबन, उद्दीपन, अनुभाव और संचारी भावों के अनुसार हास्य रस उत्पन्न करने के कारक भी अलग अलग होते हैं। आसान तरीके से इसे समझना चाहें तो कटाक्ष, व्यंग्य, भोंडापन और विद्रूप हास्य को कहानी का आधार बनाकर ऋषिकेश मुखर्जी से लेकर दादा कोंडके और डेविड धवन तक तमाम निर्देशकों ने सिनेमा में हास्य की अलग अलग प्रस्तुतियां की हैं। रोहित शेट्टी की नई फिल्म ‘सर्कस’ हर तरह के हास्य पर एक दृश्य से दूसरे दृश्य में कूदती रहती है। हास्य में घटनाओं के साथ पात्रों की आकृतियों, बातचीत और चेष्टाओं से भी हास भाव उत्पन्न होता है और रोहित शेट्टी की लेखन टीम यहां दिग्भ्रमित इसलिए हो गई है कि उन्हें रोहित शेट्टी के फिल्म ‘अंगूर’ का आधुनिक संस्करण बनाने की कोशिशों को लेकर स्पष्ट दिशा ही शुरू से नहीं पता है। फिल्म ‘सर्कस’ हिंदी और दक्षिण भारतीय सिनेमा की तमाम हास्य फिल्मों के कॉकटेल जैसी फिल्म है जिसके अवयव संतुलित मात्रा में न होने से इसका कोई स्पष्ट रंग उभरकर सामने नहीं आ पाता।
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रेटिंग 3/5 समीक्षक: प्रतिभा गौर साइट: बॉलीवुड लाइफ
‘सर्कस’ में रणवीर सिंह की एक्टिंग काफी जबरदस्त लग रही है। फिल्म की कास्टिंग परफेक्ट है। संजय मिश्रा और वरुण शर्मा की अपनी कॉमेडी से फैंस का खूब मनोरंजन कर रहे हैं। फिल्म का स्क्रीनप्ले और सिनेमेटोग्राफी परफेक्ट है, जो दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब साबित होती है। रोहित शेट्टी एक प्योर बॉलीवुड एंटरटेनर है,’सर्कस’ के जरिए डायरेक्टर ने यह बात एक बार फिर से साबित कर दी है। इस फिल्म को बॉलीवुड लाइफ की तरफ से 5 में से 3 स्टार दिए जाते हैं।
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सर्कस कहानी:
डॉ. रॉय जमनादास अपने अनाथालय के दरवाजे पर एक जैसे जुड़वां बच्चों के दो जोड़े पाकर उन्हें दो अलग-अलग शहरों में दो अलग-अलग परिवारों को गोद लेने के लिए दे देते हैं। वर्षों बाद, कॉमेडी ऑफ एरर्स सामने आती है जब जुड़वा बच्चों का एक सेट उस शहर का दौरा करने का फैसला करता है जहां जुड़वा बच्चों का दूसरा सेट सर्कस चलाता है।
सर्कस रिलीज़ तारीख:
23 दिसंबर 2022
सर्कस कास्ट
रणवीर सिंह
पूजा हेगड़े
जैकलीन फर्नांडीज
वरुण शर्मा
सर्कस निर्देशक:
रोहित शेट्टी
सर्कस निर्माता:
रोहित शेट्टी, भूषण कुमार
सर्कस वितरक:
रोहित शेट्टी प्रोडक्शन्स
टी-सीरीज फिल्म्स
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